Tuesday, August 17, 2010

हम भी मदद करेंगे (युद्ध के समय जनमानस )

हम भी मदद करेंगे ,मातृभूमि के लिए जियेंगे ,
मातृभूमि के लिए मरेंगे , हम भी मदद करेंगे ,
सैनिक
हम वीर सिपाही भारत के , अरि दल पर टूट पड़ेंगे ,
बांध कफ़न सिर पर , समरांगन में बिहरेंगे ,
सींच रक्त से बैरी के , धरती की प्यास हरेंगे ,
बन काल - काल से पहले , दुश्मन का अंत करेंगे ,
जान भले ही चली जाये , पर आन न जाने देंगे ,
हम भी मदद करेंगे ।
मजदूर
हम श्रम -वीर देश के , मोर्चे मिल कारखानों में लेंगे ,
रक्षा उत्पादन को , पहले से द्विगुणित कर देंगे ,
पड़े कमी ना शस्त्रों की , हम ऐसी युक्ति करेंगे ,
बढे उत्पादन सभी क्षेत्र में , हम श्रम अतिरिक्त करेंगे ,
पर दुश्मन को निज सीमा में , आना हम न सहेंगे ,
हम भी मदद करेंगे ।
किसान
हम किसान क़ुरबानी में सबको मात करेंगे ,
विपुल उत्पादन हो खेतों में , हम दिवस रात एक करेंगे ,
पड़े कमी ना अन्न की देश में , हम ऐसा संकल्प धरेंगे ,
अन्न - फल और मेवो से , निज देश का भंडार भरेंगे ,
हम भी मदद करेंगे ।
वनिक (बनिया )
हम वनिक वर्ग भी क़ुरबानी में पीछे कभी न रहेंगे ,
भामाशाह की त्याग वृति का हम अनुसरण करेंगे ,
संग्रह और मुनाफाखोरी का हम मोह न कभी करेंगे ,
शपथ जन्मभूमि की हमको हम भाव न बढ़ने न देंगे ,
धन वैभव हम सभी देश के देश पर अर्पण के देंगे ,
हम भी मदद करेंगे ।
बुद्धिजीवी
हम सरस्वती के वरद पुत्र ,क्या चुप्पी साध रहेंगे ,
अपनी अपनी लेखनियों द्वारा ,हम भी व्यूह रचेंगे ,
एक - एक शब्द हमारे गोले के काम करेंगे ,
जन-जन के मानस में हम उद्भुत राष्ट्र प्रेम करेंगे ,
कापुरुष कहाने वाले भी युद्ध हेतु मचलेंगे ,
अपना सर्वस्व लुटाने को लोग आपस में होड़ करेंग ,
हम भी मदद करेंगे ।
नागरिक
हम नागरिक देश के सभी रक्षण में मदद करेंगे ,
छोड़ विवादों को आपस के हम मिलकर सभी रहेंगे ,
डरेंगे कभी न संकट से हम मनोबल अपना ऊँचा रखेंगे ,
हर सहाय दे शासन का हम मजबूत हाँथ करेंगे ,
अफवाहों को समाज में हम कभी न बढ़ने देंगे ,
हम भी मदद करेंगे ।
नारीवर्ग
हम सभी नारियां भारत की शक्ति का रूप धरेंगी ,
विजयी हो निज सिंदूर समर में हंस हंस तिलक करेंगी ,
बहने बांधेगी रक्षा सूत्र निज वीरो को विदा करेंगी ,
माताएं कर विदा लाल को निज हाँथ शीश फेरेंगी ,
सोने चांदी के गहनों से रक्षा कोष भरेंगी ,
हम भी मदद करेंगी ।
बालवृन्द
हम सब नन्हे मुन्ने भी इस पुण्य का लाभ न छोड़ेंगे ,
अपने चोकलेट और बिस्किट वीर जवानों को भेजेंगे ,
हम जेब खर्च के सारे पैसे रक्षाकोश में जमा करेंगे ,
मिले जो अवसर लड़ने का तो धन्य अपने को समझेंगे ,
सौगंध देश की हमको हम भी भगत आज़ाद बनेंगे ,
हम भी मदद करेंगे ।
संत (महात्मा )
हम संत महात्मा भारत माँ को दुखी न देखेंगे ,
बाबा गंगादास बनकर मंत्र अमरता का फूंकेंगे ,
दंड -कमंडल त्याग कर हम गरुण सरीखे टूटेंगे ,
निज स्वत्व की रक्षा कर अपने को मुक्त करेंगे ,
हम भी मदद करेंगे ।
बेकार (बेरोजगार )
अरे हम बेकार लोग क्या बेकार बने बैठेंगे ,
युद्ध से पीड़ित लोगो की सेवा का कार्य चुनेगे ,
कर सेवा दुखियों की हम अपने को धन्य करेंगे ,
मिल गया अगर अवसर तो हम दुश्मन से मार करेंगे ,
हम भी मदद करेंगे ।
जनखे
देश के सारे जनखे हम कौतुक एक करेंगे,
शिखंडी सम हम भी काम नेक करेंगे ,
भीष्म सरीखे सेनापतियों से रखवा हथियार हम लेंगे ,
कसम माँ भारती की हमको हम एक न उनकी चलने देंगे ,
हम भी मदद करेंगे ।
शेषजन
बचे खुचे हम भारतवासी देश के साथ रहेंगे ,
आहत लोगो की रक्षा हेतु हम रक्तदान करेंगे ,
मितव्ययिता को अपना कर हम राष्ट्र को सबल करेंगे ,
राष्ट्र विरोधी तत्वों को हम सम्मुख आने न देंगे ,
सुन पुकार जननी की तन -धन जीवन वारेंगे ,
हम भी मदद करेंगे , निज जीवन "मधुर "करेंगे ।

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